Tuesday, December 16, 2008

जूता पड़ा रे बुश जी पे ईराक में

जूता पड़ा रे
हाँ
जूता पड़ा रे बुश जी पे ईराक में
जूता पड़ा, जूता पड़ा, जूता पड़ा
हाँ हाँ हाँ
जूता पड़ा रे ...

सदियों से ये घुसते आए
हर देस में बारी-बारी
बोले सबको ये बता के
हम है जनतंत्र के पुजारी
सब बोले जा जा जा बाबा
जा बख्श दे जान हमारी
लाख मनाया फिर भी
मुए ने कौम कई दे मारी
हाय! कौम कई दे मारी

फिर क्या हुआ?
फिर? जुता पड़ा है अभी तक तेल की फ़िराक में
जूता पड़ा रे बुश जी पे ईराक में
जूता पड़ा रे ...

खेलते-खाते जीते थे
प्रेम से अमरीकी बच्चे-बच्ची
ना चिंता थी ना फ़िकर थी
करते थे अपने मन की
इस जालिम को चैन न आया
कर लिया सेना में भरती
एक के बाद एक हज़ारों खप गए
लुट गई बस्ती बस्ती
हाय! लुट गई बस्ती बस्ती

फिर क्या हुआ?
फिर? मसीहा ढूंढा है इन लोगो ने बराक में
जूता पड़ा रे बुश जी पे ईराक में
जूता पड़ा रे ...

एक समय था जब होती थी
जग में डॉलर की पूजा
हर कोई इसका ग्राहक था
हर कोई करता था इससे सौदा
देस-विदेस से अमरीका आते थे
छात्र पाने उच्च शिक्षा
इसकी शक्ति, इसके कौशल का
मानता था हर कोई लोहा
हाँ मानता था हर कोई लोहा

फिर क्या हुआ?
फिर? मिला के रख दी है इज़्ज़त इसने खाक में
जूता पड़ा रे बुश जी पे ईराक में
जूता पड़ा रे ...

सिएटल,
16 दिसम्बर 2008
(राजा मेहदी अली खान से क्षमायाचना सहित)
============
जूता = shoe
जुता = to be yoked, to be engaged in work
ईराक = Iraq
बराक = Barack Obama
डॉलर = Dollar

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3 comments:

Anil Pusadkar said...

गज़ब किया रे।
गज़ब किया।
बढिया लिखा,
बढिया लिखा।

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

no comments

राजीव तनेजा said...

समयानुसार पैरोडी...