मैं हर साल
१ जनवरी का
बड़ी बेसब्री से इंतज़ार करता हूँ
आँखें फ़ाड़े-फ़ाड़े ताकता रहता हूँ
कि जैसे ही वो दिखे
मैं उसे सीने से लगा लूँ
और एक पल के लिए भी उसे अलग न होने दूँ
जैसे
कोई
बस स्टॉप की
बेंच पर
बटुआ
ब्लैकबेरी
चश्मा
टोपी
या
छतरी
रख कर भूल जाए
और याद आने पर
उल्टे पाँव
दूसरी बस पकड़ कर
लौट आए
और आँखें फ़ाड़-फ़ाड़ कर ताके
कि जैसे ही वो दिखे
वो उसे सीने से लगा ले
और एक पल के लिए भी अलग न होने दे
अगर चोर-उचक्कों का मोहल्ला न हो तो
आशा और भी बढ़ जाती है
और इतने बड़े ब्रह्माँड में
जिस स्थान से
धरती एक साल पहले गुज़री थी
उस स्थान पर किसी और का आना
लगभग असम्भव ही है
इसलिए
मैं हर साल
१ जनवरी का
बड़ी बेसब्री से इंतज़ार करता हूँ …
सिएटल । 425-445-0827
4 जनवरी 2010
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बस स्टॉप = bus stop
बेंच = bench
ब्लैकबेरी = Blackberry
Monday, January 4, 2010
१ जनवरी का इंतज़ार
Posted by Rahul Upadhyaya at 11:27 AM
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1 comments:
मैं नहीं करता. मुझे तो हर साल लगता है कि एक साल और गया.
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