आँखें इतनी कमज़ोर हैं कि
सपने दिखाई नहीं देते हैं
आदमी तो आदमी
गधे दिखाई नहीं देते हैं
ईश्वर के साम्राज्य को
कुत्तों को कौन समझाए
कि जब तक न बरसात हो
कुकुरमुत्ते दिखाई नहीं देते हैं
कैसे हैं ये महानगर
कैसा इनका विकास है
कि बढ़ रही है आबादी
और बच्चे दिखाई नहीं देते हैं
जिन हसीनाओं ने पहना
नौ-लखा परफ़्यूम है
उन हसीनाओं के तन पे क्यूँ
कपड़े दिखाई नहीं देते हैं
जब भी होता है कोई हादसा
और भर आते हैं नैन
पड़ोसी होते पास नहीं
और अपने दिखाई नहीं देते हैं
मतलब के हैं दोस्त सभी
मतलब के हैं भक्त
मंदिर में न हो प्रसाद यदि
बंदे दिखाई नहीं देते हैं
सिएटल । 425-445-0827
12 मार्च 2010
Friday, March 12, 2010
सपने दिखाई नहीं देते हैं
Posted by Rahul Upadhyaya at 2:35 PM
आपका क्या कहना है??
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3 comments:
वाकई?(!)
जब भी होता है कोई हादसा
और भर आते हैं नैन
पड़ोसी आते पास नहीं
और अपने दिखाई नहीं देते हैं
सही कहा आज तेवर कुछ गर्म लग रहे हैं धयान रखियेगा। शुभकामनायें
St. Patrick's day...
aapne achchi koshish ki hai; kavita kuchch lambi ho gayi hai aur tuk bandi si lagti hai.
Any how keep trying; at least you have some talent.
saadar.
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