Friday, March 12, 2010

सपने दिखाई नहीं देते हैं

आँखें इतनी कमज़ोर हैं कि
सपने दिखाई नहीं देते हैं
आदमी तो आदमी
गधे दिखाई नहीं देते हैं

ईश्वर के साम्राज्य को
कुत्तों को कौन समझाए

कि जब तक न बरसात हो
कुकुरमुत्ते दिखाई नहीं देते हैं

कैसे हैं ये महानगर
कैसा इनका विकास है
कि बढ़ रही है आबादी
और बच्चे दिखाई नहीं देते हैं

जिन हसीनाओं ने पहना
नौ-लखा परफ़्यूम है
उन हसीनाओं के तन पे क्यूँ
कपड़े दिखाई नहीं देते हैं

जब भी होता है कोई हादसा
और भर आते हैं नैन
पड़ोसी होते पास नहीं
और अपने दिखाई नहीं देते हैं

मतलब के हैं दोस्त सभी
मतलब के हैं भक्त
मंदिर में न हो प्रसाद यदि
बंदे दिखाई नहीं देते हैं


सिएटल । 425-445-0827
12 मार्च 2010

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3 comments:

भारतीय नागरिक said...

वाकई?(!)

निर्मला कपिला said...

जब भी होता है कोई हादसा
और भर आते हैं नैन
पड़ोसी आते पास नहीं
और अपने दिखाई नहीं देते हैं
सही कहा आज तेवर कुछ गर्म लग रहे हैं धयान रखियेगा। शुभकामनायें

SHER SINGH AGRAWAL said...

St. Patrick's day...

aapne achchi koshish ki hai; kavita kuchch lambi ho gayi hai aur tuk bandi si lagti hai.

Any how keep trying; at least you have some talent.

saadar.