Friday, May 25, 2012

सफ़ेदी की अब कौन बात करता है

कभी किसी के संग कुछ पल बिताए थे मैंने
आज उन्हें मैं तोल रहा हूँ

तब वो भी सफ़ेद थी
मैं भी सफ़ेद था
हम दोनों में
नहीं भेद था

आज मिले
तो जुदा है दोनों
अपने-अपने खूँटे से
बंधे हैं दोनों

रंग कई तरह के चढ़ गए हैं

सफ़ेदी की अब कौन बात करता है
रंगों की नुमाईश के दिन हैं

देखो मेरा हसबैंड तो देखो
कितना बड़ा इंजीनियर है वो
देखो मेरा बेटा न्यारा
करता कितने एक्ज़ाम्स वो क्लियर

सफ़ेदी की अब कौन बात करता है
रंगों की नुमाईश के दिन हैं ...

सिएटल । 513-341-6798
25 मई 2012
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हसबैंड = husband
एक्ज़ाम्स = exams
क्लियर = clear

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