हम सब
अपने-अपने
दायरों में क़ैद हैं
कोई उन्हें घर कहता है
तो कोई कटघरा
तो कोई यारी-दोस्ती की बंदिश
तो कोई धर्म को कोसता है
29 अक्टूबर 2017
सिएटल | 425-445-0827
हम सब
अपने-अपने
दायरों में क़ैद हैं
कोई उन्हें घर कहता है
तो कोई कटघरा
तो कोई यारी-दोस्ती की बंदिश
तो कोई धर्म को कोसता है
29 अक्टूबर 2017
सिएटल | 425-445-0827
0 comments:
Post a Comment