एक घंटा, दो घंटा, दो घंटा क्या चार
राहुल संगत व्हाट्सैप की जितनी मिले, मिले कम यार
काल करे सो आज कर, आज करे सो अब
पल में प्रलय होएगी, अभी सेल्फी ले-भेज
सुख में टैक्सटिंग सब करे, दुख में करे न कोय
जो दुख में टैक्सटिंग करे, मुसीबत माथे होय
बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे लैपटॉप
बिन वाई-फ़ाई भगवान के, कछु काम न आय
पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय,
ढाई वीडियो यू-ट्यूब का, फ़ॉरवर्ड करे सो पंडित होय
(तुलसी-कबीर से क्षमायाचना सहित)
17 नवम्बर 2018
सैलाना
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