Wednesday, November 7, 2018

राम आए नहीं

राम आए नहीं 
और नगर प्रज्वलित हो उठा
बात रोशनी की थी
और माचिसें चल गई

एक धोबी की दुत्कार से
कभी जाता था परिवर्तन 
आज पटाखों के शोर में 
पूरी की पूरी क़ौम दब गई

योगी हैं, सो सोचा
योग का प्रयोग ये करेंगे
आशा के विपरीत 
फूट पड़ गई

गठबंधन तो है
पर धर्म और शासन का
बात बनने के बजाय
और बिगड़ गई

सबका साथ
सबका विकास
नारा लगाते-लगाते
पार्टी कहाँ भटक गई

राहुल उपाध्याय | 7 नवम्बर 2018 | सैलाना

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