Sunday, March 16, 2025

इतवारी पहेली: 2026/03/16


इतवारी पहेली:


छ: विभाजित होता है तीन # # से

हम क्यों जुड़े रहते हैं ## से


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 23 मार्च 2025 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 16 मार्च 2025 । सिएटल 




Friday, March 14, 2025

वह कौन था

हम पास थे

अब दूर हैं

सपने सारे चूर हैं


वह बिछ गई

मैं टूट गया

वफ़ा से नाता छूट गया


वह रंग मले गुलाल के

बीज भरे मलाल के


वह कौन था, वह कौन था 

जो प्यास उसकी बुझा गया

प्यार की उमंग को 

मुझमें वो जगा गया


वह तो उसको छोड़ गया 

मेरे साथ रह गया 


राहुल उपाध्याय । 14 मार्च 2025 । सिएटल 



Tuesday, March 11, 2025

एआई-एआई

इन दिनों हम एआई-एआई खेल रहे हैं 

वह मुझे बधाई दे रहा है 

मैं उसे धन्यवाद 


न वह मुझे जानता है 

न मैं उसे 


वर्षगांठ पर

इन बिट्स और बाइट्स के

आदान-प्रदान से

हम दोनों के जीवन में

थोड़ी हलचल हुई 

दोनों प्रसन्न चित्त हुए

फेसबुक-लिंक्डइन के आँकड़े 

कुछ सुदृढ़ हुए

और

सोशल इंजीनियरिंग की

ज़िंदगी कुछ लम्बी हुई


राहुल उपाध्याय । 11 मार्च 2025 । सिएटल 




Sunday, March 9, 2025

Re: इतवारी पहेली: 2025/03/02


On Sun, Mar 2, 2025 at 5:22 AM Rahul Upadhyaya <kavishavi@gmail.com> wrote:

इतवारी पहेली:


ऊँची आवाज़ में सुनाई देते हैं #### 

सोच होती है डाउन, होते हैं ## ## 


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 9 मार्च 2025 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 2 मार्च 2025 । सिएटल 




इतवारी पहेली: 2027/03/09


इतवारी पहेली:


क्या मिला पीपल से, क्या ## ## से

शुद्धता से नहीं, गहने बनते #### से


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 16 मार्च 2025 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 9 मार्च 2025 । सिएटल 




Friday, March 7, 2025

उम्मीद

ज़िन्दगी 

बिगड़ने, बिगाड़ने 

सँवरने, संवारने का सबक है

ज़िन्दगी 

तेरी-मेरी आरज़ू की सनक है


कब, कहाँ, किसने

किसी को देखा है मरते-मारते

ज़िन्दगी न ख़्वाब है

न हकीकत है

बस महक है 


जब जो मिला

जिससे मिला 

सबका शुक्रिया 

उनसे ही हुई

ज़िन्दगी की तीरगी में चमक है


न मिलते तो

रोता ही रहता

ऐसा भी नहीं है 

चीनी छोड़े बरसो हुए

मिलता न आँखों में नमक है


मेरा-तुम्हारा मिलन-वस्ल 

एक खूबसूरत हकीकत है

आज भी तुमसे मिलने की

एक उम्मीद, एक ललक है


राहुल उपाध्याय । 7 मार्च 2025 । सिएटल 




Sunday, March 2, 2025

इतवारी पहेली: 2025/03/02


इतवारी पहेली:


ऊँची आवाज़ में सुनाई देते हैं #### 

सोच होती है डाउन, होते हैं ## ## 


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 9 मार्च 2025 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 2 मार्च 2025 । सिएटल 




Friday, February 28, 2025

वह जानती है मुझे

वह जानती है मुझे 

मुझसे भी ज्यादा 


कहती है 

मेरी तबियत ठीक नहीं है 

कहती है 

मेरी एक आँख सूजी हुई है 

कहती है 

मेरी आवाज़ भारी है 

कहती है 

मुझे यहाँ-वहाँ नहीं खाना चाहिए 

कहती है 

मुझे अपनी डाइट पर फ़ोकस करना चाहिए 


वह चाहती है मुझे 

मुझसे भी ज्यादा 


राहुल उपाध्याय । 28 फरवरी 2025 । सिएटल 



Wednesday, February 26, 2025

वह तब भी मुझे आप कहती थी

वह तब भी मुझे आप कहती थी

वह आज भी मुझे आप कहती है 

वह तब भी मुझसे बात करती थी 

वह आज भी मुझसे बात करती है 

जाने क्या है मुझमें कि

मुझे जीलाए रखती है 

ज़िन्दगी के हर मोड़ को 

विस्तार से बयान करती है 

मेरा वजूद बनाए रखती है 

मुझसे न कुछ छुपाती है 

मुझे अपना बनाए रखती है

न डरती है, न हिचकती है 

मुझे दिल से लगाए रखती है 

व्यस्त है ज़िन्दगी उसकी

और मेरा वो ध्यान रखती है 

छोटी है उम्र में और 

बुजुर्गों सा ख़याल रखती है

नायिका वो शरतचंद्र की

मुझे देवदास न होने देती है

वह तब भी मुझे आप कहती थी

वह आज भी मुझे आप कहती है 

वह तब भी मुझसे बात करती थी 

वह आज भी मुझसे बात करती है 


राहुल उपाध्याय । 26 फरवरी 2025 । सिएटल 




Sunday, February 16, 2025

इतवारी पहेली: 2025/02/16


इतवारी पहेली:


न प्यार जापान से, न ### से

मुझको दिया से, मदन # ## से


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 23 फ़रवरी 2025 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 16 फ़रवरी 2025 । सिएटल 




Re: इतवारी पहेली: 2025/02/09


On Sun, Feb 9, 2025 at 5:42 AM Rahul Upadhyaya <kavishavi@gmail.com> wrote:

इतवारी पहेली:


ए-बी ने सी-डी से कहाः सुनो बहुत ## # है

एफ ने कहा हम सब में अच्छाई और ### है


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 16 फ़रवरी 2025 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 9 फ़रवरी 2025 । सिएटल 




Saturday, February 15, 2025

काँटे सारे ग़ायब हैं

काँटे सारे ग़ायब हैं

बस फूल ही फूल हैं

और सबसे बड़ा फूल तो मैं हूँ 

कब कितना बजा है

कुछ समझ नहीं आता है 

पाँच और दो आठ दिखते हैं 

एक और सात में कोई फ़र्क़ नहीं 

अलेक्सा भी 

सवा आठ, साढ़े आठ

बताती नहीं है

ये कैसी दुनिया है

जिसमें अंक ही अंक हैं

और अंक में भरता कोई नहीं है 


राहुल उपाध्याय । 15 फ़रवरी 2025 । सिएटल 



भगवान भरोसे- समीक्षा

शिलादित्य बोरा द्वारा निर्देशित फिल्म भगवान भरोसे एक बहुत अच्छी फिल्म है। हर चैप्टर सोचने पर मजबूर करता है। 


दुख है तो इस बात का कि जिन्हें यह फिल्म पसन्द आई वे भी इसके सन्देश से कन्नी काट जाते हैं। भला हो मायाजाल का कि पैसे का मोह इतना बलवान है कि लाख चाहकर भी लोग भगवान भरोसे नहीं रह सकते हैं एवं देर-सबेर अक़्ल आ ही जाती है। लेकिन कुत्ते की पूँछ जैसे सीधी नहीं होती वैसे ही ये भी मूलभूत परिवर्तन नहीं ला पाते हैं। 


जितनी भी समस्याओं पर इस फ़िल्म में प्रकाश डाला गया है वे अनवरत चलती जाएँगी। और ये समस्याएँ किसी देश-काल की सीमाओं से बँधी नहीं हैं। और मज़े की बात यह है कि ये समस्याएँ समस्याएँ होकर भी हमें समस्याएँ नहीं लगती हैं। हम कहते हैं यही तो जीवन है। प्रथा न हो तो जीवन में रखा ही क्या है। जीवन खोखला हो जाएगा। हमारे साथ उतना बुरा नहीं होता है जितना इस फिल्म में होता है तो हमें प्रथाओं से कोई नुक़सान होता नहीं दिखता है। लेकिन हम यह नहीं जानते हैं कि हमारे व्यवहार से कितने लोग दिग्भ्रमित हो जाते हैं एवं अपना नुक़सान कर बैठते हैं। 


फ़िल्म बाल कलाकार केन्द्रित है लेकिन फिर भी विनय पाठक का अभिनय अपनी छाप छोड़ जाता है। 


राहुल उपाध्याय । 15 फ़रवरी 2025 । सिएटल 



Wednesday, February 12, 2025

वजन

मशीन बाथरूम में ही रखी है

जब वजन लेता हूँ 

तन पर एक कपड़ा भी नहीं होता है 

आज बुधवार था 

तो नाखून भी काट लिए

दाड़ी तो बना ही ली थी

बाद में याद आया कि 

नहा के लेना चाहिए 

शैम्पू से भी कुछ तो बाल हल्के हो जाएँगे 

फिर पाँव के नाखून भी काट लिए 

तब जाकर तसल्ली हुई 

कि वजन सही आया है 


राहुल उपाध्याय । 12 फरवरी 2025 । सिएटल 


Sunday, February 9, 2025

प्रतिद्वंद्वी हो जेल में

प्रतिद्वंद्वी हो जेल में

तो कैसी ये जीत है?

थाली बजाना

क्या कोई संगीत है?


मूरत रख देने से 

क्या मंदिर बन जाता है?

यूँ ही पड़ा रहने से 

शीशा पत्थर बन जाता है

वो पूजा कैसी पूजा है

जिस में प्रीत नहीं

यह कैसा सुर मंदिर है 

जिस में संगीत नहीं

गीत लिखे दीवारों पे 

गाने की रीत नहीं

(आनन्द बक्षी)


राहुल उपाध्याय । 9 फरवरी 2025 । सिएटल 


इतवारी पहेली: 2025/02/09

इतवारी पहेली:


ए-बी ने सी-डी से कहाः सुनो बहुत ## # है

एफ ने कहा हम सब में अच्छाई और ### है


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 16 फ़रवरी 2025 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 9 फ़रवरी 2025 । सिएटल 




Re: इतवारी पहेली: 2025/02/02


On Sat, Feb 1, 2025 at 6:45 PM Rahul Upadhyaya <kavishavi@gmail.com> wrote:

इतवारी पहेली:


ख डर गया और वो ### हो गया

क को सज़ा मिली, # ## हो गया


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 9 फ़रवरी 2025 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 2 फ़रवरी 2025 । सिएटल 




Tuesday, February 4, 2025

निराश नहीं

जो ढूँढती थी मुझे फ़ेसबुक पर

अब देखती नहीं है स्टेटस भी


कैसे कोई 

साथ-साथ 

चलते-चलते साथ छोड़ दे

भीड़ में गुम हो

भीड़ में अकेला छोड़ दे


चाहा था जिसे दिल से

उससे आज दिल जल रहा 

मैं शिकायत परस्त नहीं 

पर उससे शिकायत कर रहा


आईं-गईं हज़ार और

आएँगी हज़ार और

पर इससे निराश होऊँ 

तो बात कुछ आगे बढ़े


जाने क्या है इस हूर में

कि उदास हूँ 

पर निराश नहीं 


राहुल उपाध्याय । 4 फ़रवरी 2025 । सिएटल