Thursday, April 17, 2025

हम परेशान हैं

हम परेशान हैं कि

दो करोड़ के शेयर

एक करोड़ के हो गए 


उधर वे

दो वक्त की रोटी से

संतुष्ट हैं


मेहनत की कमाई 

कभी कम नही होती है


राहुल उपाध्याय । 17 अप्रैल 2025 । सिएटल 


Tuesday, April 15, 2025

घर मिल जाए

घर मिल जाए 

तो घर काटने को दौड़ता है 

कार मिल जाए 

तो बीमा करवाना पड़ता है 

जीवन मिल जाए तो 

आशंकाओं से भरा आसमान सर पे होता है


फ़क़ीर ही अमीर है


राहुल उपाध्याय । 15 अप्रैल 2025 । सिएटल 

Sunday, April 13, 2025

इतवारी पहेलीः 2025/04/13


इतवारी पहेली:


जैसी आज है, वैसी # ## भी थी

दमदार, बेबाक और ### भी थी


(दूसरी पंक्ति का शब्द अंग्रेज़ी का है)


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 20 अप्रैल 2025 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 13 अप्रैल 2025 । सिएटल 




Re: इतवारी पहेली: 2025/04/06



On Sun, Apr 6, 2025 at 10:06 PM Rahul Upadhyaya <kavishavi@gmail.com> wrote:

इतवारी पहेली:


जबसे है उनके चेहरे पर ####

मन विचलित है, नहीं है ## ##


(दूसरी पंक्ति का पहला शब्द अंग्रेज़ी का है)


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 13 अप्रैल 2025 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 6 अप्रैल 2025 । सिएटल 




Sunday, April 6, 2025

इतवारी पहेली: 2025/04/06


इतवारी पहेली:


जबसे है उनके चेहरे पर ####

मन विचलित है, नहीं है ## ##


(दूसरी पंक्ति का पहला शब्द अंग्रेज़ी का है)


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 13 अप्रैल 2025 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 6 अप्रैल 2025 । सिएटल 




Re: इतवारी पहेली: 2025/03/30



On Sun, Mar 30, 2025 at 12:13 AM Rahul Upadhyaya <kavishavi@gmail.com> wrote:

इतवारी पहेली:


धक्का दे कर ### से 

मिलाया सनी # ## से


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 6 अप्रैल 2025 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 30 मार्च 2025 । सिएटल 




Sunday, March 30, 2025

इतवारी पहेली: 2025/03/30


इतवारी पहेली:


धक्का दे कर ### से 

मिलाया सनी # ## से


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 6 अप्रैल 2025 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 30 मार्च 2025 । सिएटल 




Re: इतवारी पहेली: 2025/03/23



On Sun, Mar 23, 2025 at 12:43 AM Rahul Upadhyaya <kavishavi@gmail.com> wrote:

इतवारी पहेली:


कितना सुन्दर गाती हैं गायिका ###

जैसा सुन्दर नाम है, वैसा है ## #


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 30 मार्च 2025 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 23 मार्च 2025 । सिएटल 




Sunday, March 23, 2025

इतवारी पहेली: 2025/03/23


इतवारी पहेली:


कितना सुन्दर गाती हैं गायिका ###

जैसा सुन्दर नाम है, वैसा है ## #


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 30 मार्च 2025 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 23 मार्च 2025 । सिएटल 




Re: इतवारी पहेली: 2026/03/16


On Sun, Mar 16, 2025 at 5:57 AM Rahul Upadhyaya <kavishavi@gmail.com> wrote:

इतवारी पहेली:


छ: विभाजित होता है तीन # # से

हम क्यों जुड़े रहते हैं ## से


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 23 मार्च 2025 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 16 मार्च 2025 । सिएटल 




Sunday, March 16, 2025

इतवारी पहेली: 2026/03/16


इतवारी पहेली:


छ: विभाजित होता है तीन # # से

हम क्यों जुड़े रहते हैं ## से


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 23 मार्च 2025 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 16 मार्च 2025 । सिएटल 




Friday, March 14, 2025

वह कौन था

हम पास थे

अब दूर हैं

सपने सारे चूर हैं


वह बिछ गई

मैं टूट गया

वफ़ा से नाता छूट गया


वह रंग मले गुलाल के

बीज भरे मलाल के


वह कौन था, वह कौन था 

जो प्यास उसकी बुझा गया

प्यार की उमंग को 

मुझमें वो जगा गया


वह तो उसको छोड़ गया 

मेरे साथ रह गया 


राहुल उपाध्याय । 14 मार्च 2025 । सिएटल 



Tuesday, March 11, 2025

एआई-एआई

इन दिनों हम एआई-एआई खेल रहे हैं 

वह मुझे बधाई दे रहा है 

मैं उसे धन्यवाद 


न वह मुझे जानता है 

न मैं उसे 


वर्षगांठ पर

इन बिट्स और बाइट्स के

आदान-प्रदान से

हम दोनों के जीवन में

थोड़ी हलचल हुई 

दोनों प्रसन्न चित्त हुए

फेसबुक-लिंक्डइन के आँकड़े 

कुछ सुदृढ़ हुए

और

सोशल इंजीनियरिंग की

ज़िंदगी कुछ लम्बी हुई


राहुल उपाध्याय । 11 मार्च 2025 । सिएटल 




Sunday, March 9, 2025

Re: इतवारी पहेली: 2025/03/02


On Sun, Mar 2, 2025 at 5:22 AM Rahul Upadhyaya <kavishavi@gmail.com> wrote:

इतवारी पहेली:


ऊँची आवाज़ में सुनाई देते हैं #### 

सोच होती है डाउन, होते हैं ## ## 


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 9 मार्च 2025 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 2 मार्च 2025 । सिएटल 




इतवारी पहेली: 2027/03/09


इतवारी पहेली:


क्या मिला पीपल से, क्या ## ## से

शुद्धता से नहीं, गहने बनते #### से


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 16 मार्च 2025 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 9 मार्च 2025 । सिएटल 




Friday, March 7, 2025

उम्मीद

ज़िन्दगी 

बिगड़ने, बिगाड़ने 

सँवरने, संवारने का सबक है

ज़िन्दगी 

तेरी-मेरी आरज़ू की सनक है


कब, कहाँ, किसने

किसी को देखा है मरते-मारते

ज़िन्दगी न ख़्वाब है

न हकीकत है

बस महक है 


जब जो मिला

जिससे मिला 

सबका शुक्रिया 

उनसे ही हुई

ज़िन्दगी की तीरगी में चमक है


न मिलते तो

रोता ही रहता

ऐसा भी नहीं है 

चीनी छोड़े बरसो हुए

मिलता न आँखों में नमक है


मेरा-तुम्हारा मिलन-वस्ल 

एक खूबसूरत हकीकत है

आज भी तुमसे मिलने की

एक उम्मीद, एक ललक है


राहुल उपाध्याय । 7 मार्च 2025 । सिएटल 




Sunday, March 2, 2025

इतवारी पहेली: 2025/03/02


इतवारी पहेली:


ऊँची आवाज़ में सुनाई देते हैं #### 

सोच होती है डाउन, होते हैं ## ## 


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 9 मार्च 2025 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 2 मार्च 2025 । सिएटल 




Friday, February 28, 2025

वह जानती है मुझे

वह जानती है मुझे 

मुझसे भी ज्यादा 


कहती है 

मेरी तबियत ठीक नहीं है 

कहती है 

मेरी एक आँख सूजी हुई है 

कहती है 

मेरी आवाज़ भारी है 

कहती है 

मुझे यहाँ-वहाँ नहीं खाना चाहिए 

कहती है 

मुझे अपनी डाइट पर फ़ोकस करना चाहिए 


वह चाहती है मुझे 

मुझसे भी ज्यादा 


राहुल उपाध्याय । 28 फरवरी 2025 । सिएटल 



Wednesday, February 26, 2025

वह तब भी मुझे आप कहती थी

वह तब भी मुझे आप कहती थी

वह आज भी मुझे आप कहती है 

वह तब भी मुझसे बात करती थी 

वह आज भी मुझसे बात करती है 

जाने क्या है मुझमें कि

मुझे जीलाए रखती है 

ज़िन्दगी के हर मोड़ को 

विस्तार से बयान करती है 

मेरा वजूद बनाए रखती है 

मुझसे न कुछ छुपाती है 

मुझे अपना बनाए रखती है

न डरती है, न हिचकती है 

मुझे दिल से लगाए रखती है 

व्यस्त है ज़िन्दगी उसकी

और मेरा वो ध्यान रखती है 

छोटी है उम्र में और 

बुजुर्गों सा ख़याल रखती है

नायिका वो शरतचंद्र की

मुझे देवदास न होने देती है

वह तब भी मुझे आप कहती थी

वह आज भी मुझे आप कहती है 

वह तब भी मुझसे बात करती थी 

वह आज भी मुझसे बात करती है 


राहुल उपाध्याय । 26 फरवरी 2025 । सिएटल