न ग़म होता है, न वहम होता है
तसव्वुर में मेरे जब मेरा सनम होता है
इंसां हैं सभी और सभी मेहरबान
वो तो दीवारों का दूसरा नाम धरम होता है
यदि सुधरा जो मैं तो बच्चे हो जाएगे बाँझ
क्योंकि अच्छों का दुबारा नहीं जनम होता है
तक़दीर पे अपनी जो करते हैं भरोसा
हाथों से उनके नहीं करम होता है
वो तो प्यार करो तब होती हैं खफ़ा
वरना हसीनाओं का दिल बड़ा नरम होता है
सिएटल । 425-445-0827
3 मई 2010
Monday, May 3, 2010
यदि सुधरा जो मैं
Posted by Rahul Upadhyaya at 9:44 AM
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2 comments:
इंसां हैं सभी और सभी मेहरबान
वो तो दीवारों का दूसरा नाम धरम होता है
बहुत सुन्दर !
I didn't like it...
Not good :)
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