Monday, May 3, 2010

यदि सुधरा जो मैं

न ग़म होता है, न वहम होता है
तसव्वुर में मेरे जब मेरा सनम होता है


इंसां हैं सभी और सभी मेहरबान
वो तो दीवारों का दूसरा नाम धरम होता है


यदि सुधरा जो मैं तो बच्चे हो जाएगे बाँझ
क्योंकि अच्छों का दुबारा नहीं जनम होता है


तक़दीर पे अपनी जो करते हैं भरोसा
हाथों से उनके नहीं करम होता है


वो तो प्यार करो तब होती हैं खफ़ा
वरना हसीनाओं का दिल बड़ा नरम होता है


सिएटल । 425-445-0827
3 मई 2010

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2 comments:

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" said...

इंसां हैं सभी और सभी मेहरबान
वो तो दीवारों का दूसरा नाम धरम होता है

बहुत सुन्दर !

Yogi said...

I didn't like it...

Not good :)