Friday, February 4, 2011

प्याज मांगा है तुम्हीं से


समाचार - देश प्याज से परेशान - से प्रेरित हो कर लिखी गई एक रचना:

प्याज मांगा है तुम्हीं से
न इंकार करो
पाँच दे दो ज़रा आज तो
न इंकार करो


कितनी हसीं है रात
दुल्हन बनी है रात
उबले हुए दाल-भात
प्याज जरा छीलो तो
सलाद तैयार करो
न इंकार करो


पहले भी इन्हें काटा
पहले भी तुम रोए
आज आँसू मगर
बहते हैं तो
बह जाने दो
इन्हें स्वीकार करो
न इंकार करो


कितनी बुरी ख़बर है
और सरकार बेख़बर है
तख़्ता पलटे अगर
तो तख़्ता पलट जाने दो
मोर्चा तैयार करो
न इंकार करो

सिएटल
4 फ़रवरी 2011
(शिवकुमार सरोज से क्षमायाचना सहित. इसे सुनने के लिए, यहाँ क्लिक करें)

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