Tuesday, February 22, 2011

आप से पहले

इस रचना का श्रेय विदेश मंत्री एस. एम. कृष्णा और राजा को जाता है.

आप से पहले
आप से ज्यादा
गधा आज तक नहीं मिला
इतना क्लू-लेस
इतना घोंचू
बंदा आज तक नहीं मिला

इसको स्पीच कहे या कागज़ का टुकड़ा
जो किसी और ने पढ़ा था
इनको अनपढ़ कहे या पढ़े-लिखे अनपढ़
जिनको रिज़र्वेशन मिला था
इन्हीं लोगों को हम चुन रहे हैं
एक भी ढंग का आज तक नहीं मिला


इनको मंत्री कहे या रिश्वत के बोरे
जिनके मुँह हमेशा खुले हैं
जब चाहे तब ये देखो
नष्ट करने में देश को तुले हैं
इन गुंडों को पीट के रख दे
ऐसा डंडा आज तक नहीं मिला

सिएटल
22 फ़रवरी 2011
(रवीन्द्र जैन से क्षमायाचना सहित)

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