Saturday, February 12, 2011

प्याज खाने की ज़िद न करो



प्याज खाने की ज़िद न करो
आज खाने की ज़िद न करो
हम तो मर जाएंगे
हम तो बिक जाएंगे
ऐसी मांगें किया ना करो


तुम ही सोचो ज़रा, क्यूँ न रोके तुम्हें
बदबू आती है जब प्याज खाते हो तुम
तुमको अपनी क़सम जान-ए-जां
बात इतनी मेरी मान लो
प्याज खाने की ज़िद न करो


खाने की मेज पर व्यंजन कई हैं मगर
इक यहीं चीज़ है जो नापाक है
इसको खाकर मेरी जान-ए-जां
मुख अपना दूषित न करो
प्याज खाने की ज़िद न करो

राम ने कृष्ण ने प्याज खाई नहीं
बाबा रामदेव ने भी ये पकाई नहीं
कल की हो 'गर फ़िक्र जान-ए-जां
रोक लो आज इन हाथ को
प्याज खाने की ज़िद न करो

 
सिएटल

12 फ़रवरी 2011

(फ़ैयाज़ हाशमी से क्षमायाचना सहित)

इससे जुड़ीं अन्य प्रविष्ठियां भी पढ़ें


0 comments: