Saturday, September 30, 2017

जीत कर भी कौन जीता है

जीत कर भी कौन जीता है

आज जीते

कल हारे

यूँही घटनाक्रम चलता है

कोई भी समाधान स्थायी नहीं है


समाधान स्थायी होते

तो दशावतार नहीं होते


यह तो हम ही हैं

जो उत्सव मनाने को

लालायित रहते हैं

हर जीत को याद करके

हर्षित होते हैं


यह हम पर निर्भर है कि

हम पूरा चित्र देखें

और स्थितप्रज्ञ रहें

या 

छोटी-छोटी ख़ुशियाँ मनाते रहें

और दुखों पे आँसू बहाते रहें


विजयदशमी, 2017

30 सितम्बर 2017

सिएटल | 425-445-0827

http://mere--words.blogspot.com/

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