छप्पन इंच की छाती वाले
छापे मार के छा रहे हैं
निर्वाचन आयोग की ऐसी-तैसी
जो मन में आया वो बोल रहे हैं
अमरीका मे मुलर अंकल
मैग्निफाईंग लेंस लेकर ढूँढते रह गए
और यहाँ खुले आम रूस घूस
- मेरा मतलब, इनाम
मोदी की गोदी में डाल रहा है
अंधेर नगरी, चौपट राजा
दोनों दल के दानव
दानवीर के स्वाँग रच रहे हैं
कोई बहत्तर हज़ार सालाना दे रहा
तो कोई छ: हज़ार महीने-महीने
मानो हो ये गणित का पेपर
और ये हमारी क़ाबलियत आंक रहे हैं
एक तरफ़ हो अंधा कुआँ
दूसरी तरफ़ हो खाई घनेरी
ऐसे में सिर्फ़ राम भरोसे
- मेरा मतलब, कन्हैया भरोसे
प्रजातंत्र बचेगा
यह उम्मीद है मेरी
राहुल उपाध्याय । 13 अप्रैल 2019 । सिएटल
2 comments:
आपकी पोस्ट पर देश भगतों की नजर नहीं पड़ी नहीं तो सतीश ब्लॉग मेरे गीत के सक्सेना जी की तरह आपको भी आशीर्वादों की बरसात हो रही होती :)
http://satish-saxena.blogspot.com/2019/04/blog-post_87.html इसे भी देखें।
Post a Comment