Monday, April 1, 2019

जूते नहीं रख सकते हैं जो मंदिर में रैक पर

जूते नहीं रख सकते हैं जो मंदिर में रैक पर
वो क्या चलेंगे पथ किसी नेक पर

जो कर नहीं सकते इंतज़ार किसी क़तार में
वो क्या रखेंगे श्रद्धा किसी दातार में 

जिनके लिए मंदिर-शिवाले पेट-पूजा के आधार हैं
उनके लिए क्या राम, और क्या राम की जय-जयकार है

हम और आप ही बस दूध के धुले हैं
बाक़ी सब तो बस बुरे ही बुरे हैं

यह संसार कुछ और नही, एक बाज़ार है
और मंदिर इस बाज़ार का एक औज़ार है

राहुल उपाध्याय 1 अप्रैल 2019 सिएटल

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