Saturday, October 18, 2025

इतवारी पहेली: 2025/10/19

इतवारी पहेली:


गर्मी से 'बेक' हुए गुरु के #### में 

जैसे कि हो रहा हो ## ### में


(दूसरी पंक्ति का दूसरा शब्द अंग्रेज़ी का है)


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 26 अक्टूबर 2025 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 19 अक्टूबर 2025 । सिएटल 


Re: इतवारी पहेली: 2025/10/12



On Sun, Oct 12, 2025 at 6:02 AM Rahul Upadhyaya <kavishavi@gmail.com> wrote:

इतवारी पहेली:


मैं विटामिन डी, बी और # ## हूँ 

और लोगों को भी यही ### हूँ


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 19 अक्टूबर 2025 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 12 अक्टूबर 2025 । सिएटल 


Monday, October 13, 2025

हम लाए हैं

हम लाए हैं तूफ़ान से कश्ती निकाल के 

इस 'पीस' को रखना मेरे बच्चों सम्हाल के


किस देश की परवाह नहीं कोई कह तो दे हमें 

हम रखते हैं क़दम एक-एक देखभाल के 


आओगे यहीं ओर कहाँ जाओगे भला 

भड़ास अभी निकाल लो कुछ बोल-बाल के 


हाँ कह दी है, कह दी है बात साफ़-साफ़ 

गुज़र गए हैं दिन अब शब्दों के जाल के 


सीधी-सीधी बात क्यों न समझ में आ रही

क्यों खेलते हो आग से जुमले उछाल के


राहुल उपाध्याय । 13 अक्टूबर 2025 । सिएटल 



Sunday, October 12, 2025

अप्सरा

ग़ज़ब की अप्सरा जब आई क़रीब

करंट सा मुझ को सहसा लगा 


कहीं एच वन का चक्कर या हनीट्रैप तो नहीं 

शक़-ओ-शुबह का ताँता लगा 


खोने से बढ़कर है खोने का डर लॉकर का बेबात ख़र्चा लगा 


आँखों में किसी के कोई कब तक झाँके

समझने का तरीक़ा ये कच्चा लगा


जो कहना है कह दो, जो पूछना है पूछ लो 

इतना सुलझा न कोई रिश्ता लगा 


हर तरफ़ है घायल, हर तरफ है घाव 

हर इंसान मुझे रिसता लगा


राहुल उपाध्याय । 12 अक्टूबर 2025 । सिएटल 


इतवारी पहेली: 2025/10/12

इतवारी पहेली:


मैं विटामिन डी, बी और # ## हूँ 

और लोगों को भी यही ### हूँ


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 19 अक्टूबर 2025 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 12 अक्टूबर 2025 । सिएटल 


Re: इतवारी पहेली: 2025/10/5



On Sat, Oct 4, 2025 at 9:57 PM Rahul Upadhyaya <kavishavi@gmail.com> wrote:

इतवारी पहेली:


उसकी काया बहुत भारी-#### थी

कहीं से नहीं लगा वो गई ## ## थी


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 12 अक्टूबर 2025 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 5 अक्टूबर 2025 । सिएटल 


Saturday, October 11, 2025

ये चाहिए मुझे कहा था उसने

ये चाहिए मुझे, कहा था उसने 

न मिल पाया उसको तो अच्छा लगा


मन की बात कह देता है सारी

मुझको तो इंसान सच्चा लगा


कहते हैं लोग निरा पागल है बंदा

मुझको तो मासूम बच्चा लगा


जीताया था उसको नारे लगा के

न आया समझ तो अब धक्का लगा


न उसको मिला, न आपको मिला

पर आपके चरित्र पे तो धब्बा लगा


राहुल उपाध्याय । 11 अक्टूबर 2025 । सिएटल 


Friday, October 10, 2025

ख़ुदा माना

ख़ुदा माना

तो शिकायत कैसी 

ख़ुदा नहीं 

तो मोहब्बत कैसी 


तू ख़ुशबू है

मिल्कियत नहीं 

तुझे पाने की

जुर्रत कैसी


तू सुख है, तू दुख है

तुझसे ही सब-कुछ है

तू बदले ना

ये चाहत कैसी


तू फ़ोन करे

मैं बात करूँ 

इससे बढ़कर 

जन्नत कैसी


तू साथ नहीं 

और साथ भी है 

ये दूर-दूर से

कुर्बत कैसी


राहुल उपाध्याय । 10 अक्टूबर 2025 । सिएटल





Saturday, October 4, 2025

इतवारी पहेली: 2025/10/5

इतवारी पहेली:


उसकी काया बहुत भारी-#### थी

कहीं से नहीं लगा वो गई ## ## थी


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 12 अक्टूबर 2025 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 5 अक्टूबर 2025 । सिएटल 


Re: इतवारी पहेली: 2025/09/28


On Sat, Sep 27, 2025 at 11:20 PM Rahul Upadhyaya <kavishavi@gmail.com> wrote:

इतवारी पहेली:


ईस्ट ने न मानी कभी ## #%# से

खुश हैं वो मेहनत की #%#%# से


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 5 अक्टूबर 2025 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 28 सितम्बर 2025 । सिएटल 


रखता तेज़ अपनी धार

जिनको जो कहना था 

सब कह चुके


अब मैं क्या बोलूँ 

क्यूँ मैं बोलूँ 

मुझपे न तलवार 


सोशल मीडिया पर

हर विषय पर 

कुछ न कुछ 

बकते रहना

है मेरा भी 

मूल अधिकार 


दो अक्टूबर को

शास्त्री जी ही नहीं 

गांधी जी भी जन्मे थे 

याद दिलाया किसी ने

तो कहा किसी ने

राष्ट्र का नहीं होता बाप

अहिंसा नहीं 

हिंसा ही 

कारगर एक उपचार 


दिवस आते

दिवस जाते

आते-जाते वार

हर वार पे वार है मेरा

त्योरियाँ हैं तैयार 

जो पढ़ूँ 

करूँ उसका खंडन 

चिथड़े करूँ मैं चार

रखता तेज़ अपनी धार


राहुल उपाध्याय । 4 अक्टूबर 2025 । सिएटल