हर प्रश्न का उत्तर यदि हाँ या ना में होता
तो कचहरी-कटघरे सा माहौल हो जाता
हर प्रश्न का उत्तर 'पता नहीं' या 'हो सकता है' होता
तो न प्लेन ही उड़ता, न आज स्मार्टफोन ही होता
इन दो के बीच जो मूक प्रश्नोत्तर हैं
उन्हीं से तो जीवन मधुकर है
न बोले न कहे न होंठ हिले
बस पलकें झुके
आँचल उड़े
चूड़ी बजे
गाल पे लट गिरे
धम से दौड़ के खिलखिल हँसे
खेतों में इत-उत रंग भरे
गरबा करे
नयन जुड़ाए
चाँद को देख आप लजाए
हाथों में अपने मेहन्दी रचाए
बस चलते वक़्त हाथ हिलाए
ईमोजी भेजे
डी-पी बदले
स्टेटस लगाए
फिर कैसा सवाल, कैसा जवाब
जीवन जैसे खिलता गुलाब
23 अक्टूबर 2018
सैलाना
0 comments:
Post a Comment