Thursday, February 21, 2019

जिसे हटा देते हैं हम रास्ते से

जिसे हटा देते हैं हम रास्ते से
वह हटकर भी नहीं हटता 
डटा रहता है जमकर
चिढ़ाता है सरेआम
कोर से
छोर से
जिधर देखो उस ओर से

और तो और
राह निर्बाध होने के बजाय
और उलझ जाती है
पहले कार नहीं चल पाती थी
अब आप नहीं चल पाते हैं

बर्फ़, कार, सड़कें
सब उपमाएँ हैं

सच तो यही है कि
जिन्हें हटा देते हैं हम रास्ते से
वे हटकर भी नहीं हटते
और
जिन्हें हटाया नहीं 
वे ख़ुद--ख़ुद उड़न छू हो जाते हैं

21 फ़रवरी 2019
सिएटल

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