Saturday, January 4, 2020

जबसे जाना कि जाना है

जबसे जाना कि जाना है
छोड़ा हर फसाना है

न महबूब, न कोई प्रियतम
न कोई जान-ए-जाना है

तेरी मेरी बिसात है क्या
जग सारा बेगाना है

किस-किस को सर पे बिठाए
ठोकर में सारा ज़माना है

सम्बन्धों की नुमाईश में 
नम्बर न हमें लगाना है

चाहे जो वो कर ही डाले
'राहुल' बड़ा दीवाना है

राहुल उपाध्याय । 4 जनवरी 2020 । सिएटल

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