Tuesday, February 11, 2020

आप के हसीन रुख़ पे आज नया नूर है

आप के हसीन रुख़ पे आज नया नूर है
मोदी का बल विफल रहा तो मेरा क्या क़ुसूर है

केजरी की झाड़ू से दिल्ली का बदला रूप है
घटा से जैसे छन रही सुबह-सुबह की धूप है
जिधर नज़र मुड़ी उधर सुरूर ही सुरूर है

मनोज तिवारी जी चाह रहे ट्वीट वो डिलीट हो
मोदी जी भी मान गए कि केजरी तुम हिट हो
शाह हार के कहीं न कहीं रो रहे ज़रूर हैं 

जहाँ-जहाँ पड़े कदम वहाँ फ़िज़ा बदल गई
के जैसे सर-बसर बहार आप ही में ढल गई
किसी में ये कशिश कहाँ जो आप में हुज़ूर है

(अनजान से क्षमायाचना सहित)
राहुल उपाध्याय । 11 फ़रवरी 2020 । सिएटल

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