Monday, February 24, 2020

जो पर्वत हैं

जो पर्वत हैं
वे बेज़ुबान हैं

जो बेज़ुबान हो जाते हैं
क्या उन्हें पर्वत बना दिया जाता है?

या जो पर्वत बन जाते हैं
वे बेज़ुबान हो जाते हैं 

पता नहीं 
पर पते की बात यह अवश्य है
कि जो जितना बड़ा होता है
उतना ही ख़ामोश होता है

और इसमें कोई बुराई भी नहीं 

चुप रहना
एक अलौकिक शक्ति है
और इसे स्वर्णतुल्य भी माना गया है

और वैसे भी
छोटे मुँह, बड़ी बात के
कई उदाहरण भी हैं

बिचारा शिशुपाल 
यूँही मारा गया

और 
जो चुप रहें
पितामह कहलाए

या पितामह थे
इसलिए चुप रहें?

इससे पहले 
कि कोई मेरे सौ गिने
मैं अपनी क़लम यही रोक देता हूँ

राहुल उपाध्याय । 24 फ़रवरी 2020 । सिएटल

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