जगन्नाथ कहते हैं जिनको सभी
प्रलय चाहे आ जाए बचाए वही
डर के नहीं मैं रहता हूँ जग में
डरता नहीं मैं किसी भी शै से
आँधी आए तूफ़ाँ डराते नहीं
आँखों में जिनकी है प्यार देखा
वो ही हैं मेरे, मेरे वो देवा
हाथों में जिनसे शक्ति मिली
बदल जाए दुनिया बदले नहीं
प्रेम-प्यार उनका बदले नहीं
मैं पाऊँ जन्नत यहाँ पे यहीं
राहुल उपाध्याय । 23 अप्रैल 2023 । सिएटल
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