पहले बीट वो होती थी
जिसे कबूतर किया करते थे
आजकल बीट वो है
जिसपे बराती नाचा करते हैं
पहले ट्वीट का मतलब होता था
चिड़िया डाल पर चहक रही है
और आजकल ट्वीट का मतलब है
प्रियंका मॉल में मटक रही है
पहले फोन होता था फोन करने के लिए
आजकल फोन होता है यू-ट्यूब देखने के लिए
पहले नेट वो होता था
जिसमें शेर फ़ंस जाता था
और चूहा उसे बचाता था
आजकल नेट वो है
जिसमें माऊस हमें फ़ंसाता है
और बचाने वाला कोई नहीं!
24 मई 2013
सिएटल । 513-341-6798
जिसे कबूतर किया करते थे
आजकल बीट वो है
जिसपे बराती नाचा करते हैं
पहले ट्वीट का मतलब होता था
चिड़िया डाल पर चहक रही है
और आजकल ट्वीट का मतलब है
प्रियंका मॉल में मटक रही है
पहले फोन होता था फोन करने के लिए
आजकल फोन होता है यू-ट्यूब देखने के लिए
पहले नेट वो होता था
जिसमें शेर फ़ंस जाता था
और चूहा उसे बचाता था
आजकल नेट वो है
जिसमें माऊस हमें फ़ंसाता है
और बचाने वाला कोई नहीं!
24 मई 2013
सिएटल । 513-341-6798
3 comments:
"पहले नेट वो होता था
जिसमें शेर फ़ंस जाता था
और चूहा उसे बचाता था
आजकल नेट वो हैप
जिसमें माऊस हमें फ़ंसाता है
और बचाने वाला कोई नहीं!"
आख़री की lines में बहुत अच्छा comparison किया है आपने - funny है मगर सोचो तो एक गहरी बात भी है। शेर-चूहे की कहानी में चूहा सच्चा दोस्त था जिसने नेट काटकर शेर को बचाया था। आजकल चूहे ने ही हमें नेट में फँसाया है। :) गहराई में जाएँ तो बात यह आई कि जब दोस्त खुद शिकारी बन जाए और मुसीबत में डाल दे तो कौन बचाएगा?
सही बात कही है:
शेर नेट में फँस जाये तो चूहा उसे बचाये
चूहा जो नेट बिछाये उससे कौन बचाये
बहुत funny comparisons किये हैं तब और अब के - especially बीट वाली बात! :)
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