Wednesday, September 11, 2024

मैं डाल-डाल

मैं डाल-डाल

मैं पात-पात

मेडल हैं मेरे

दोनों हाथ


मैं अबला नहीं 

सबला नहीं 

देवी का रूप

सबला नहीं 


नारी हूँ इक

सिम्पल कोई 

आँखों में है

ट्विंकल कोई 


ख़ुद ही सब

कुछ किया नहीं 

ऐसा नहीं कि

साथ मिला नहीं 


सब मिलते गए

मैं बढ़ती गई

सफलता की 

सीढ़ी चढ़ती गई 


मैं शीर्ष पे

वे नेपथ्य में

सच-सच कहूँ 

ये तथ्य मैं


आँखें थीं

मेरी लक्ष्य पे

अंतिम यही 

बस सत्य है 


राहुल उपाध्याय । 12 सितम्बर 2024 । दिल्ली 




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