Thursday, September 26, 2024

समंदर को कोई कितना देखे

समंदर को कोई कितना देखे

रेत पे सर घिसता देखे


सूरज को कोई कितना देखे

सुबह-शाम उगता-डूबता देखे


कुछ बदलें नज़ारे, कुछ मज़ा भी आए

पल-पल कुछ बदलता देखे


कोई काम भी हो, कोई वजह भी हो

बिन बात के आदमी क्या-क्या देखे


तनहा-तनहा क्या-क्या देखे

कोई साथ में हो तो कुछ ना देखे


राहुल उपाध्याय । 26 सितम्बर 2024 । होनोलुलु 



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