Saturday, September 21, 2024

इंसान

मैं जानता हूँ 

वह इंसान है


प्यार भी करती है

और ग़ुस्सा भी

समझती भी है

और अंजान भी


ग़ुस्सा करती भी है

तो सिर्फ़ एक बार

पूरे दिन में

सिर्फ़ एक बार


मुझे इतना भरोसा नहीं है मुझ पर

जितना है उस पर 


समझ नहीं आता कि

जिसे पूजना चाहिए 

न जाने क्यों 

मेरी दोस्त है


राहुल उपाध्याय । 22 सितम्बर 2024 । टोक्यो 


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