मैं कायर तो नहीं
मगर जबसे घर छोड़ा मैंने
तबसे मुझमें कायरता आ गई
मैं गद्दार तो नहीं
मगर जबसे घर छोड़ा मैंने
तबसे मुझमें गद्दारी आ गई
डॉलर का नाम मैंने सुना था मगर
डॉलर क्या है ये मुझको नहीं थी ख़बर
मैं तो चिपका रहा इससे जोंक की तरह
दुम हिलाता रहा पालतू कुत्तों की तरह
मैं गरीब तो नहीं
मगर जबसे घर छोड़ा मैंने
तबसे मुझमें दीनता आ गई
सोचता हूँ अगर मैं बुरा मानता
हाथ अपने फ़ैला कर न यूँ भागता
घर पे रहता अन्य परिजनों की तरह
दर-दर न भटकता भीखमंगों की तरह
मैं बेशर्म तो नहीं
मगर जबसे घर छोड़ा मैंने
तबसे मुझमें बेशर्मी आ गई
रात-दिन फ़्री के चक्कर में रहता हूँ मैंचाराने-आठाने के कूपन लिए फ़िरता हूँ मैं
लाईब्रेरी जा के डी-वी-डी लाता हूँ मैं
मंदिर जा के खाना खा आता हूँ मैं
मैं कंजूस तो नहीं
मगर जबसे घर छोड़ा मैंने
तबसे मुझमें कंजूसी आ गई
सिएटल 425-898-9325
22 मई 2009
(आनंद बक्षी से क्षमायाचना सहित)
===========================================
डॉलर = dollar; कूपन = coupon; फ़्री = free; लाईब्रेरी = library; डी-वी-डी = DVD
मगर जबसे घर छोड़ा मैंने
तबसे मुझमें कायरता आ गई
मैं गद्दार तो नहीं
मगर जबसे घर छोड़ा मैंने
तबसे मुझमें गद्दारी आ गई
डॉलर का नाम मैंने सुना था मगर
डॉलर क्या है ये मुझको नहीं थी ख़बर
मैं तो चिपका रहा इससे जोंक की तरह
दुम हिलाता रहा पालतू कुत्तों की तरह
मैं गरीब तो नहीं
मगर जबसे घर छोड़ा मैंने
तबसे मुझमें दीनता आ गई
सोचता हूँ अगर मैं बुरा मानता
हाथ अपने फ़ैला कर न यूँ भागता
घर पे रहता अन्य परिजनों की तरह
दर-दर न भटकता भीखमंगों की तरह
मैं बेशर्म तो नहीं
मगर जबसे घर छोड़ा मैंने
तबसे मुझमें बेशर्मी आ गई
रात-दिन फ़्री के चक्कर में रहता हूँ मैंचाराने-आठाने के कूपन लिए फ़िरता हूँ मैं
लाईब्रेरी जा के डी-वी-डी लाता हूँ मैं
मंदिर जा के खाना खा आता हूँ मैं
मैं कंजूस तो नहीं
मगर जबसे घर छोड़ा मैंने
तबसे मुझमें कंजूसी आ गई
सिएटल 425-898-9325
22 मई 2009
(आनंद बक्षी से क्षमायाचना सहित)
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डॉलर = dollar; कूपन = coupon; फ़्री = free; लाईब्रेरी = library; डी-वी-डी = DVD
3 comments:
जीवन का कटु यथार्थ इस पैरोडी में बहुत बढिया तरह से अभिव्यक्त हुआ है. बधाई (या सहानुभूति?).
Nice lines. America bhale insanko kayar banake chhodega.
Sapana
Too good lines.
Wah kya kahne!!!
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