Saturday, June 19, 2010

देखा है एन-आर-आई को कुछ इतना करीब से

देखा है एन-आर-आई को कुछ इतना करीब से
कोसों दूर चले आए हैं वो अपनी ज़मीन से


करने को करते बात हैं देश प्रेम की
लेकिन बनवा रहे हैं पासपोर्ट इक रकीब से


नीलाम हो रहे थे गुण हल्दी-ओ-नीम के
उंगली तक न उठाई गई इनके वकील से


कहने को फ़्लैट-कार है, लेकिन उधार सभी
लाखों की है कमाई मगर रहते गरीब से


इनकी वफ़ा की आपको क्या मैं मिसाल दूँ
देश, धर्म और साथ ये बदलें कमीज़ से


पितृ-दिवस मना रहे हैं बच्चों के साथ ये
पिता स्वयं के हैं कहीं बैठे मरीज़ से


सिएटल | 425-898-9325
19 जून 2010
(साहिर से क्षमायाचना सहित)

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3 comments:

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

सही है..

Anonymous said...

Why don't you go back then?

Anonymous said...

Aapne sahi kaha hai.Aapki imandari appreciate karti hoon.