दोस्तों से दुश्मनी
दुश्मनों से यारी
गणित 'गर समझो
है सब से यारी
जितने भी मुख हैं
उतनी हैं बातें
तभी तो है दुनिया
ये इतनी न्यारी
मुसलसल चलें हम
चलें ध्येय चुन के
मिले न मिले, मिटे
लगन न हमारी
कहीं कोई होगा
कभी जो कहेगा
याद आई हमको
बहुत ही तुम्हारी
कई गाँव छीने
लड़कपन ने हमसे
तब तो लगा कि
की होशियारी
10 मार्च 2018
सिएटल | 425-445-0827
1 comments:
NICE
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