Saturday, March 31, 2018

हीरा जन्म अमोल है

तू कान लगाकर मेरे दिल की धड़कन सुने
तेरे गैसूओं की ख़ुशबू मेरी साँसों में बसे
तो
सूकून है
चैन है
शांति है
वरना
वीराने में भी
अशांति है

तेरी शाम मेरी सुबह से मिले
तेरी रात मेरे दिन से
मैं रहूँ रहूँ
मेरी रूह तेरे साथ चले
तो समझूँगा
कि जीवन जिया था मैंने
नाहक ही नहीं सम्बन्धों को सीया था मैंने

ख़ाली हाथ आया हूँ
ख़ाली हाथ जाऊँगा
लेकिन इतना संतोष है कि
इन्हीं हाथों से
तेरी ज़ुल्फ़ों को सहलाया है मैंने
उड़ते दुपट्टे को थामा है मैंने
रस्ते चलते ऑटो को रोका है मैंने
शब्दों में तेरे अक्स को उतारा है मैंने

राम नाम तो जपा नहीं 
ढाई आखर आख़िर पढ़ ही गया
हीरा जन्म अमोल है
अमोल की क़ीमत वसूल कर ही गया

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