Monday, September 28, 2009

माताएँ खलनायकों की

रात को सोते समय
बेटे को सुनाता हूँ कहानी
राम के
कृष्ण के
उद्भव की कहानी

बहुत दिनों तक
सुनने के बाद
बेटा एक दिन बोला

कृष्ण की माँ थी देवकी
और यशोदा जी ने उन्हें पाला
राम की माँ थी कौशल्या
और कैकयी ने उन्हें निकाला

लेकिन
रावण की
कंस की
माँ के बारे में
क्यूँ नहीं कुछ बताया?

क्या कहूँ?
कैसे कहूँ?
कैसे उसे समझाऊँ
कि इस कोशिश में
कि कहानी सशक्त बन सके
कई खटकर्म किए हैं जाते
घटनाएँ जोड़ी जाती हैं
पात्र छाँटे जाते
खलनायक पैदा नहीं होते
खलनायक बनाए हैं जाते
तरह तरह के जामे
पहनाए उन्हें हैं जाते
नख-शिखा-दाढ़ी-मूँछ
सर-सींग लगाए हैं जाते

खलनायक पैदा नहीं होते
खलनायक बनाए हैं जाते

सिएटल 425-898-9325
विजय दशमी, 2009

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5 comments:

umashankar said...

Hi, ye poem "khalnayak banaye jate hain" bahut hi prabhavshali lagi..
leak se hatkar different thought aur mere vichar se bhi sahi..
Thanks for such thought..

Yogi said...

Bahut khoob rahul ji..

This is one of your creations, which i liked...

Bahut badhiyaa...

D Silent Assasin said...

hii nice work !!!

Kindly gimme sum suggestions too on my blogs www.classicshayari.blogspot.com and www.rashtrakavi.blogspot.com

Keep up the gud work
regards
D Silent Assasin !!!

किरण राजपुरोहित नितिला said...

बहुत सही कहा राहुल जी,
खलनायक बना दिये जाते है।
और कुछ इतने खलनायक नही होते लेिकन कुछ ताकतवर तत्व और फिर इितहास उन्ही की राग में उन्कों खलनायक सिदध कर देता है।
हर युग उनको दोषी सािबत करता है।

किरण राजपुरोहित नितिला said...

बहुत सही कहा राहुल जी,
खलनायक बना दिये जाते है।
और कुछ इतने खलनायक नही होते लेिकन कुछ ताकतवर तत्व और फिर इितहास उन्ही की राग में उन्कों खलनायक सिदध कर देता है।
हर युग उनको दोषी सािबत करता है।