रात को सोते समय
बेटे को सुनाता हूँ कहानी
राम के
कृष्ण के
उद्भव की कहानी
बहुत दिनों तक
सुनने के बाद
बेटा एक दिन बोला
कृष्ण की माँ थी देवकी
और यशोदा जी ने उन्हें पाला
राम की माँ थी कौशल्या
और कैकयी ने उन्हें निकाला
लेकिन
रावण की
कंस की
माँ के बारे में
क्यूँ नहीं कुछ बताया?
क्या कहूँ?
कैसे कहूँ?
कैसे उसे समझाऊँ
कि इस कोशिश में
कि कहानी सशक्त बन सके
कई खटकर्म किए हैं जाते
घटनाएँ जोड़ी जाती हैं
पात्र छाँटे जाते
खलनायक पैदा नहीं होते
खलनायक बनाए हैं जाते
तरह तरह के जामे
पहनाए उन्हें हैं जाते
नख-शिखा-दाढ़ी-मूँछ
सर-सींग लगाए हैं जाते
खलनायक पैदा नहीं होते
खलनायक बनाए हैं जाते
सिएटल 425-898-9325
विजय दशमी, 2009
Monday, September 28, 2009
माताएँ खलनायकों की
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5 comments:
Hi, ye poem "khalnayak banaye jate hain" bahut hi prabhavshali lagi..
leak se hatkar different thought aur mere vichar se bhi sahi..
Thanks for such thought..
Bahut khoob rahul ji..
This is one of your creations, which i liked...
Bahut badhiyaa...
hii nice work !!!
Kindly gimme sum suggestions too on my blogs www.classicshayari.blogspot.com and www.rashtrakavi.blogspot.com
Keep up the gud work
regards
D Silent Assasin !!!
बहुत सही कहा राहुल जी,
खलनायक बना दिये जाते है।
और कुछ इतने खलनायक नही होते लेिकन कुछ ताकतवर तत्व और फिर इितहास उन्ही की राग में उन्कों खलनायक सिदध कर देता है।
हर युग उनको दोषी सािबत करता है।
बहुत सही कहा राहुल जी,
खलनायक बना दिये जाते है।
और कुछ इतने खलनायक नही होते लेिकन कुछ ताकतवर तत्व और फिर इितहास उन्ही की राग में उन्कों खलनायक सिदध कर देता है।
हर युग उनको दोषी सािबत करता है।
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