Thursday, September 17, 2009

अर्जुन आँखें

हाईवे बने
और गाँव के गाँव
उजड़ गए
लोग
फ़र्राटे से
हवा से बातें करते-करते
उपर-उपर से निकल गए

जब से जी-पी-एस आया
समंदर, झील, तालाब, झरने
सब के सब ओझल होते जा रहे हैं

इस्कान का मंदिर
बच्चों का स्कूल
रंग बदलते पत्ते
सामने होते हुए भी
दिखाई नहीं देते

हमारी
अर्जुन आँखें
गड़ी रहती हैं
एल-सी-डी स्क्रीन के
एक
नीले
नुकीले
तीर पर

सिएटल 425-898-9325
17 सितम्बर 2009

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