हाईवे बने
और गाँव के गाँव
उजड़ गए
लोग
फ़र्राटे से
हवा से बातें करते-करते
उपर-उपर से निकल गए
जब से जी-पी-एस आया
समंदर, झील, तालाब, झरने
सब के सब ओझल होते जा रहे हैं
इस्कान का मंदिर
बच्चों का स्कूल
रंग बदलते पत्ते
सामने होते हुए भी
दिखाई नहीं देते
हमारी
अर्जुन आँखें
गड़ी रहती हैं
एल-सी-डी स्क्रीन के
एक
नीले
नुकीले
तीर पर
सिएटल 425-898-9325
17 सितम्बर 2009
Thursday, September 17, 2009
अर्जुन आँखें
Posted by Rahul Upadhyaya at 11:36 PM
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Labels: digital age, intense, new, TG
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