Wednesday, October 10, 2012

सहरा ये दिल जब तुम्हारा हो गया

सहरा ये दिल जब तुम्हारा हुआ
रिश्ता और गहरा हमारा हुआ

रिश्ता तो है पर बे-नाम-ओ-शकल
सेहरा किसी का कब सहारा हुआ

शहरों की सहर के हैं रंग अलग
लाल-पीली बत्तियों का नज़ारा हुआ

सिरा-ए-सिराज-ए-ख़ुर्शीद मिलता नहीं
कब और कैसे वो अंगारा हुआ

सराबों के पीछे बहुत भागा हूँ मैं
शराब खराब है पर वही चारा हुआ

10 अक्टूबर 2012
सिएटल । 513-341-6798
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सहरा = desert
सेहरा = wreath worn by a groom
सहर = dawn
सिरा = beginning
सिराज = lamp
ख़ुर्शीद = sun
सराबों = mirages
चारा = remedy

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3 comments:

पी.एस .भाकुनी said...

सहरा ये दिल जब तुम्हारा हो गया
रिश्ता और गहरा हमारा हो गया.......
सुंदर प्रस्तुति...........

Anonymous said...

सहरा, सेहरा, सहारा, सहर - very nice word play!

सिरा-ए-सिराज-ए-ख़ुर्शीद - OMG! अर्थ लिखने के लिए thank you नहीं तो शब्दकोष पढ़कर भी नहीं समझ आता मुझे तो! :)

कविता बहुत अच्छी लगी...

गुड्डोदादी said...


रिश्ता तो है पर बे-नाम-ओ-शकल
सेहरा किसी का कब सहारा हुआ
(सुंदर )