Sunday, October 14, 2012

विदेश में आए, वी-डेश हुए


विदेश में आए, वी-डेश हुए
सपने सारे यूँ डेंट हुए

सोचा था आ के खूब कमाएंगे हम
टेलेंट हैं जितने, कैश कराएंगे हम
बंधन-प्रतिबंध में कुछ यूँ फंसें
कि टेलेंट सारे लेटेंट हुए

आने की दिल में बड़ी चाह थी
कमाने की सूझी बस यही राह थी
माना कि फूलों संग काँटें भी होंगे
लेकिन ये क्या कि सारे बसंत बे-सेंट हुए

जीते हैं हम, लेकिन हैं हारे हुए
किस्मत से बदकिस्मती के मारे हुए
गाड़ी है, बंगला है, डॉलर भी है
लेकिन होने को औरों के सरवेंट हुए

14 अक्टूबर 2012
सिएटल । 513-341-6798
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वी-डेश = v- employee, the one who is hired as a contractor as opposed to a full time employee who gets full benefits
डेंट = dent
टेलेंट = talent
कैश = cash
लेटेंट = latent
बे-सेंट=without scent, without fragrance
सर्वेंट = servent

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3 comments:

Anonymous said...

"विदेश में आए, वी-डेश हुए, सपने सारे यूँ डेंट हुए"

"टेलेंट सारे लेटेंट हुए"

बहुत funny lines हैं!मज़ा आया कविता पढ़कर!


Madan Mohan Saxena said...

बहुत अद्भुत अहसास...सुन्दर प्रस्तुति...

Ramkishore Gupta said...

Amazing