कब कौन क्या लिखता है
इसका सिरा कहाँ मिलता है
कब क्या कहाँ खिलता है
इसका सिरा कहाँ मिलता है
कब कौन कहाँ टिकता है
इसका सिरा कहाँ मिलता है
कब कौन किसपे मरता है
इसका सिरा कहाँ मिलता है
सिरा नहीं है, पर गिला नहीं है
जीवन जीने की कला यही है
न मानो तो एक पत्थर
मानो तो एक नींव वही है
7 अक्टूबर 2012
सिएटल । 513-341-6798
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सिरा=आरंभ
1 comments:
"न मानो तो एक पत्थर
मानो तो एक नींव वही है"
अच्छा कहा आपने!सिरा मिलना हमेशा ज़रूरी नहीं होता. कभी कभी सिर्फ मानना ही काफी होता है.
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