Wednesday, October 24, 2012

भोजन भजन का

भोजन भजन का
और
यौवन जोगन का
बैरी है
देह की आग ने
भक्ति के मार्ग की
टांग
अक्सर तोड़ी है


कहने को तो
कहते हैं
कि इश्क भी पूजा है
लेकिन करने लगो
तो कहते हैं कि वहशी है


अब आप ही बताओ
कि बंदा करे तो क्या करे?
'गर पूजे तो पाखंडी
और न पूजे तो कहलाता अधर्मी है


हम-आप की बात होती
तो बात सम्हल भी जाती
लेकिन ये कौम-सम्प्रदाय की बातें
किसके सम्हाले सम्हली है?


चलो अच्छा ही हुआ
कि बच्चें हमारे नास्तिक निकले
वरना कौन उन्हें समझाता
कि क्या असली है और क्या नकली है?


24 अक्टूबर 2012
सिएटल ।
513-341-6798

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1 comments:

Anonymous said...

'गर पूजे तो पाखंडी
और न पूजे तो कहलाता अधर्मी है

एक दम सही बात कही है आपने. जो भी करोगे, कोई न कोई तो उसमें ग़लती निकाल ही देगा.