Sunday, March 1, 2020

हाथ धो कर जो पीछे पड़ा है

हाथ धो कर जो पीछे पड़ा है
हाथ धो कर उससे निजात पाओ
लोहा ही लोहे को काटता है
डॉक्टर ने कहा उपाय यही है

कर्मकाण्ड में विश्वास है जिनको
कहते ऋषि-मुनि का श्राप यही है
जपो निरन्तर हनुमत बीरा
हर मर्ज़ का इलाज यही है

एक दिन ऐसा आएगा
इंसान इंसान से कतराएगा
नास्त्रेदमस का नाम जो हैं जानते 
कहते लिखा उसने साफ़ यही है

जितने मुँह उतनी बातें 
इसकी-उसकी-किसकी माने?
नक़ाब चढ़ाए, घर सील करें?
बचने की क्या अब राह यही है?

संचार के माध्यम हैं कुछ इतने पक्के
कि किसी को किसी से मिलने की चाह नहीं है
सुबह-शाम व्हाट्सैप पे करें गुड मार्निंग
कोरोना के युग का सच मात्र यही है

बाज़ार से आटा-चावल-दाल हैं गायब
सब के घर के भंडार भरे हैं
कल को जब प्रलय आएगा
भूखें न मरें बस प्रयास यही है

राहुल उपाध्याय । 1 मार्च 2020 । सिएटल

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1 comments:

Onkar said...

सुन्दर रचना