काल करे सो आज कर, आज करे सो अब
पल में संक्रमण होएगा, हाथ धोएगा कब
जात न पूछे आपकी, बड़ा निर्दयी ये रोग
जान ले इंसान की, जान ले सारे लोग
ज्यों तिल माहि तेल है, ज्यों चकमक में आग
तेरा वायरस तुझ ही में है, जान सके तो जान
कोरोना आय संसार में, लूटे सबकी खैर,
ना काहू से दोस्ती, सब से उसकी बैर
घर से कबहुँ ना निकलये, जो ज़रूरी काम न होय
कबहुँ वायरस घुस पड़े, पीर घनेरी होय
संक्रमित क्वारिंटिन सब करे, असंक्रमित करे न कोय
जो असंक्रमित क्वारिंटिन करे, तो संक्रमित काहे को होय
धीरे-धीरे रे मना, धीरे लॉकडाउन अंत होय
माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय
बढ़ती भीड़ देख कर दिया 'राहुल' रोय
एक संक्रमित की छींक ही फूँक दे लाखों लोग
(कबीर से क्षमायाचना सहित)
राहुल उपाध्याय । 24 मई 2020 । सिएटल
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