ऐ मेरे दिल कभी
तू जोखिम तो ले
तू तुझे आज़माने की कोशिश तो कर
हार जाए तो क्या
हार ही पाए तो क्या
फिर से हिम्मत जुटाने की कोशिश तो कर
ख़ौफ़ से तू कभी ना ख़ौफ़ कर
अपने हाथों से तक़दीर लिख कर
बेधड़क, बेहिचक, बढ़ते जा, रूक यूँ मत
मान कर हक़ तेरा ऐ मेरे हमनशीं
सब से नज़रें मिलाने की कोशिश तो कर
हार जाए तो क्या
हार ही पाए तो क्या
फिर से हिम्मत जुटाने की कोशिश तो कर
हक़ तेरा कोई तुझसे क्यों छीन ले
तू है फ़ौलाद, हाथ क्यों खींच ले
ग़म न कर, रख कदम, कर करम हर कदम
तू है आया जहाँ, वो है तेरा जहां
उसे बेहतर बनाने की कोशिश तो कर
हार जाए तो क्या
हार ही पाए तो क्या
फिर से हिम्मत जुटाने की कोशिश तो कर
अब न आएगा कोई तू जान ले
तेरा हाथ बँटाने नहीं मान ले
जो भी है, तू ही है, बस तू ही है
सोच ले अब तेरा साथ ही है तेरा
ख़ुद से ख़ुद को मिलाने की कोशिश तो कर
ऐ मेरे दिल कभी
तू जोखिम तो ले
तू तुझे आज़माने की
कोशिश तो कर
राहुल उपाध्याय । 27 अगस्त 2021 । सिएटल
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