36 साल पहले
के-मार्ट से ख़रीदा कम्बल
आज भी मेरे साथ है
क्यूँकि वह बेरूह, बेनूर है
जिसमें रूह है, नूर है
वह नश्वर है
मम्मी के ब्रश में
कुछ बाल अटके पड़े हैं
वे भी अमर हैं
राहुल उपाध्याय । 21 सितम्बर 2022 । सिएटल
36 साल पहले
के-मार्ट से ख़रीदा कम्बल
आज भी मेरे साथ है
क्यूँकि वह बेरूह, बेनूर है
जिसमें रूह है, नूर है
वह नश्वर है
मम्मी के ब्रश में
कुछ बाल अटके पड़े हैं
वे भी अमर हैं
राहुल उपाध्याय । 21 सितम्बर 2022 । सिएटल
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