विलायत की झूठी कहानी पे रोए
बड़ी चोट खाई जवानी में रोए
न सोचा न समझा टिकट काट डाला
भेड़ चाल ने हमें मार डाला
आधे ज्ञान की मेहरबानी पे रोए
ख़बर क्या थी होंठों को सी के रहेंगे
चाह कर भी घर को हम जा ना सकेंगे
जीए तो मगर ज़िन्दगानी पे रोए
(शकील बदायुनी से क्षमायाचना सहित)
राहुल उपाध्याय । 25 सितम्बर 2022 । सिएटल
0 comments:
Post a Comment