Sunday, October 13, 2024

इतवारी पहेली 2024/10/13


इतवारी पहेली:


पीकर नहीं, बेच कर मिला उन्हें इतना ### # से

कि मोदी जी आज निकाल रहे हैं सबको ##%# से


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya



आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 20 अक्टूबर 2024 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 613 अक्टूबर 2024 । सेन होज़े 




Wednesday, October 9, 2024

आज नया है, कल पुराना होगा

आज नया है

कल पुराना होगा

इस घर को कल

गिराना होगा


नयी है टेबल

नया है सोफ़ा 

इन सबको भी कल

हटाना होगा


टूटेगी छत

गिरेगी दीवार

नींव को भी जड़ से

मिटाना होगा


कपड़ों के रंग

फीके पड़ जाते हैं 

कॉलर कहीं-कहीं से

फट जाते हैं 


कार का ट्रांसमिशन 

बिगड़ जाता है 

एक्सीडेंट में एक दिन 

काया का कचूमर निकल जाता है 


कपड़े 

फ़र्नीचर

कार

घर

मैं

तुम

कुछ भी स्थायी नहीं है 

कुछ दो साल

कुछ दस साल

कुछ बीस, कुछ पचास 

कुछ सौ साल चलते हैं 

धराशायी सब होते हैं 

फेंक सब दिए जाते हैं 


ज़मीं जैसी है वैसी रहती है 

आत्मा जैसी है वैसी रहती है 


राहुल उपाध्याय । 9 अक्टूबर 2024 । सिएटल 

Friday, October 4, 2024

एक रस्सी, एक आदमी

हज़ारों वर्षों में

न जाने कितना

विकास हो चुका है 

और आज भी 

नाव बाँधी जाती है 

एक जंग लगे खूँटे से

एक रस्सी से

एक आदमी द्वारा 

कोई मशीन नहीं 

कोई उपकरण नहीं 

कोई ऑटोमेशन नहीं 

कोई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस नहीं 


राहुल उपाध्याय । 4 अक्टूबर 2024 । कवाई, हवाई 


Sunday, September 29, 2024

इतवारी पहेली: 2024/09/29


इतवारी पहेली:


जब से यहाँ गरम ## ## रहा है 

हवाई का यह क्षेत्र #### रहा है


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya



आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 6 अक्टूबर 2024 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 29 सितम्बर 2024 । हवाई 




Re: इतवारी पहेली: 2024/09/22



On Sat, Sep 21, 2024 at 12:54 PM Rahul Upadhyaya <kavishavi@gmail.com> wrote:

इतवारी पहेली:


कविगणों का पेट भर ## ## #

बेटों का पेट भरे पिता की #### #


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya



आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 

सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 29 सितम्बर 2024 को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 22 सितम्बर 2024 । टोक्यो 




Saturday, September 28, 2024

मोक्ष

पैदा होते ही मुझे मोक्ष मिल जाता 

तो मैं पूरे जीवन से वंचित रह जाता

न तुमसे मिलता

न उससे बिछड़ता 

न यह सीखता 

न वह सीख पाता

न कविता रचता

न कला का पक्ष रखता

न किसी का सर हाथ में लेता

न किसी का ललाट प्यार से चूमता

न दिन पहाड़ से होते 

न रात मतवाली


राहुल उपाध्याय । 28 सितम्बर 2024 । होनोलुलु



पेंसिल स्केच

मैं रोज़ 

घुसा देता हूँ 

ख़ुद को

एक पेंसिल स्केच में

इस कोशिश में कि

शायद किसी भीड़ का हिस्सा बन जाऊँ 

कोई रंग मुझ पर चढ़ जाए

जीने का उद्देश्य मिल जाए

और

लौट आता हूँ 

कोरा

अनछुआ

बेदाग़ 


राहुल उपाध्याय । 28 सितम्बर 2024 । होनोलुलु