Wednesday, March 30, 2022

घर में पचास काम पड़े हैं

घर में पचास काम पड़े हैं 

और मैं चादर ओढ़ 

चैन की नींद सो रहा हूँ 


सच मानिए 

इतना आनंद आ रहा है कि 

बता नहीं सकता 


मानो नवीं कक्षा के इम्तिहान वाली रात

जिस नींद से मैं लड़ रहा था

भाग रहा था

उसे मैं आज ले रहा हूँ 


44 साल लगे

इस पूर्णानन्द को पाने में


15 अप्रैल में अभी

16 दिन बाक़ी हैं

तब तक

एक न एक दिन

टैक्स भी भर दूँगा 

बच्चे की कॉलेज की फ़ीस भी 

घर का प्रापर्टी टैक्स भी


आज तो अपने मन की कर लूँ 


काम न हो तो सोने का भी मज़ा नहीं 


राहुल उपाध्याय । 30 मार्च 2022 । सिएटल 








Monday, March 28, 2022

डरते हैं सब यहाँ


डरते हैं सब यहाँ सच-सच कहने से

डरते हैं सब यहाँ सच-सच सुनने से


दिल तो है बावरा

ढूँढे वो माजरा 

दिल को जो मोह ले

दिल को जो बाँधता 

जिस तरफ़ मिले नज़र 

बस उसी को प्यार दे


कब कहाँ क्या हुआ 

खोजेगा कौन यहाँ 

सच भी जो हाथ लगे

बचता है वो कहाँ 

अपने-अपने घाट पे

सब उसे हैं मारते


होता है बस वही 

होता जो आ रहा

चलता है बस वही 

चलता जो आ रहा 

कौन है जो धार को

एक नई धार दे


राहुल उपाध्याय । 25 मार्च 2022 । सिएटल 

https://youtu.be/fkuQAQ46vng




Sunday, March 27, 2022

तानाशाह

यदि हुकूमत मेरे हाथ होती 

तो आज ही आधे ग़लत काम बंद हो जाते


कोई लिपस्टिक नहीं लगाता

कोई मेकअप नहीं ख़रीदता

कोई दारू नहीं पीता 

कोई परफ़्यूम नहीं बनाता


कोई गाय नहीं काटता

या सुअर या बकरा 

या मुर्ग़ा 


कोई अश्लील बात नहीं करता

कोई भड़काऊ फ़िल्म नहीं बनाता

वेश्यावृत्ति बंद हो जाती 


रामराज्य होता

और मैं तानाशाह 


राहुल उपाध्याय । 27 मार्च 2022 । सिएटल 



Saturday, March 26, 2022

इतवारी पहेली: 2022/03/27


इतवारी पहेली:


क्या तन के अलावा ### ## #?

कुछ के लिए बस तन ## ## ## # 


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya 


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 


सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 3 अप्रैल को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 27 मार्च 2022 । सिएटल 
















Re: इतवारी पहेली: 2022/03/20



शनि, 19 मार्च 2022 को अ 11:55 पर को Rahul Upadhyaya <kavishavi@gmail.com> ने लिखा:

इतवारी पहेली:


हर कोई नाम ईश्वर # #

चाहे हो वो गोरे या ##


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya 


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 


सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 27 मार्च को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 20 मार्च 2022 । सिएटल 
















Friday, March 25, 2022

एक से ज़्यादा

एक ही के साथ रहता

तो उसे ही दोष देता

कि ये मुझे समझ नहीं पाई


एक ही प्यार करती

तो लगता

तरस खा रही है 


एक से ज़्यादा हो तो

सम्भावनाएँ अनेक हैं

ख़ुश होने की

दुखी होने की


एक ही जीवन में

कई जीवन जी लेना

मेरी ख़ुशनसीबी है 


राहुल उपाध्याय । 25 मार्च 2022 । सिएटल 


मेरा जन्मदिन ऐसा है कि

मेरा जन्मदिन ऐसा है कि

तुम भुलाए न भूल पाओगी

और विश नहीं किया 

तो अपने ही विष में घुल जाओगी 


—x—


मेरी कविता फाड़ देना

जलाना मत

जिस भी हर्फ को तुम छुओगी

तुम्हें दुआ देगा


—x—


मैं तुम्हारा हूँ 

और तुम्हारा ही रहूँगा 

जिसे तुमने छोड़ दिया वह तो एक साया है 

मैं दिल में गाँठ बन साथ रहूँगा 


—x—


अच्छा हुआ 

हम साथ नहीं है 

साथ न होने से ही

प्रेम जीवित है 


—x—


सच कहता हूँ 

मैं झूठ भी अच्छा बोल लेता हूँ 

तुम्हें खोने का कोई ग़म नहीं 

सारा दोष मैं अपने सर लेता हूँ 



राहुल उपाध्याय । 25 मार्च 2022 । सिएटल 







Thursday, March 24, 2022

उल्टा सीधा एक समान #29

उल्टा सीधा एक समान #29

—————————


मलयालम, नवीन, नवजीवन आदि ऐसे शब्द हैं जो उल्टा सीधा एक समान हैं। बाएँ से दाएँ भी वही हैं जो दाएँ से बाएँ हैं। 


यह तो हुए शब्द। ऐसे ही शब्दों के समूह, यानी जुमले भी हो सकते हैं। जैसे कि:


नाहक है कहना। 


दिया गया शब्द आगे-पीछे-बीच में कहीं भी आ सकता है। 


आज का शब्द है:


रवानी 


राहुल उपाध्याय । 25 मार्च 2022 । सिएटल










Re: उल्टा सीधा एक समान #28



शुक्र, 18 मार्च 2022 को पू 12:17 पर को Rahul Upadhyaya <kavishavi@gmail.com> ने लिखा:

उल्टा सीधा एक समान #28

—————————


मलयालम, नवीन, नवजीवन आदि ऐसे शब्द हैं जो उल्टा सीधा एक समान हैं। बाएँ से दाएँ भी वही हैं जो दाएँ से बाएँ हैं। 


यह तो हुए शब्द। ऐसे ही शब्दों के समूह, यानी जुमले भी हो सकते हैं। जैसे कि:


नाहक है कहना। 


दिया गया शब्द आगे-पीछे-बीच में कहीं भी आ सकता है। 


आज का शब्द है:


मकान 


राहुल उपाध्याय । 18 मार्च 2022 । सिएटल










Tuesday, March 22, 2022

फिर दोष किसे है क्या देना

अपनी-अपनी राह सबने चुनी

फिर दोष किसे है क्या देना

ले मान इसे तू आज अगर

फिर दोष किसी को क्या देना


मँझधार में है जो कश्ती 

खेनी वो तुझे ही होगी

'गर छाँव का है मंज़र तो 

बन धूप, तू है ज्योति

हर राह है तेरे पथ में पथिक

फिर दोष किसे है क्या देना


ये नैन भरे हैं क्यों जल से 

अधरों पे उदासी क्यूँ है 

जो पाया वही क्या कम है

सूरत ये रुआँसी क्यूँ है 

जो पाया उसे न समझ सके,

फिर दोष किसे है क्या देना


माना कि छलकते पैमाने 

टूटे हैं तेरे हाथों से

माना कि मचलते दामन भी 

छूटे हैं तेरे हाथों से

जो खोया कभी न तेरा था

फिर दोष किसे है क्या देना


राहुल उपाध्याय । 22 मार्च 2022 । सिएटल 




Sunday, March 20, 2022

फिर न रोओगे कभी

फिर न रोओगे कभी इस बात का वादा कर लो

जो भी ग़म हैं उन्हें आज आधा कर लो


दिल की महफ़िल में हर एक ही तन्हा है यहाँ 

ज़िन्दगी एक सफ़र जिसकी मंज़िल है कहाँ 

यदि तुम भूल गए हो याद ताज़ा कर लो


हद से बढ़ जाए ज़हर, इल्म कहाँ होता है 

अपना खुद का हो, वो जुर्म कहाँ होता है 

अपनी आँखें हैं, सर आँखें हैं ज़माने के लिए

इन्हें अपना ही इल्म कहाँ होता है 

आज से हर जज़्बात से किनारा कर लो


राहुल उपाध्याय । 18 मार्च 2022 । पोर्टलैंड 

https://youtu.be/T79KG7Saie0



Saturday, March 19, 2022

इतवारी पहेली: 2022/03/20


इतवारी पहेली:


हर कोई नाम ईश्वर # #

चाहे हो वो गोरे या ##


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya 


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 


सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 27 मार्च को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 20 मार्च 2022 । सिएटल 
















Re: इतवारी पहेली: 2022/03/13



रवि, 13 मार्च 2022 को पू 9:49 पर को Rahul Upadhyaya <kavishavi@gmail.com> ने लिखा:

इतवारी पहेली:


जिन्होंने दोष-गीत # ##

उन को मिलेगी अब ###


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya 


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 


सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 20 मार्च को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 13 मार्च 2022 । सिएटल 
















कभी पाप न इसे कहना

डरते-डरते भला है क्यूँ प्यार करना

कभी पाप न इसे कहना

लड़ते-मरते बस यूँही तुम प्यार से प्यार करना

कभी पाप न इसे कहना


प्यार करते-करते हम-तुम कहीं खो जाएँगे 

इसी ज़माने की आँखों के काँटे हो जाएँगे 

झगड़ों से, लफड़ों से तुम दूरी बनाते रहना

कभी पाप न इसे कहना


जी-जान से दिलबर जुट जाए जो हम अगर

बवाल नहीं कोई जिसे कर दें हम बे-असर

अश्कों को, आहों को तुम यूँही मिटाते रहना

कभी पाप न इसे कहना


राहुल उपाध्याय । 18 मार्च 2022 । पोर्टलैंड 

https://youtu.be/Mmb9oZYQu_8





Friday, March 18, 2022

उल्टा सीधा एक समान #28

उल्टा सीधा एक समान #28

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मलयालम, नवीन, नवजीवन आदि ऐसे शब्द हैं जो उल्टा सीधा एक समान हैं। बाएँ से दाएँ भी वही हैं जो दाएँ से बाएँ हैं। 


यह तो हुए शब्द। ऐसे ही शब्दों के समूह, यानी जुमले भी हो सकते हैं। जैसे कि:


नाहक है कहना। 


दिया गया शब्द आगे-पीछे-बीच में कहीं भी आ सकता है। 


आज का शब्द है:


मकान 


राहुल उपाध्याय । 18 मार्च 2022 । सिएटल










Re: उल्टा सीधा एक समान #27



गुरु, 10 मार्च 2022 को अ 11:47 पर को Rahul Upadhyaya <kavishavi@gmail.com> ने लिखा:

उल्टा सीधा एक समान #27

—————————


मलयालम, नवीन, नवजीवन आदि ऐसे शब्द हैं जो उल्टा सीधा एक समान हैं। बाएँ से दाएँ भी वही हैं जो दाएँ से बाएँ हैं। 


यह तो हुए शब्द। ऐसे ही शब्दों के समूह, यानी जुमले भी हो सकते हैं। जैसे कि:


नाहक है कहना। 


दिया गया शब्द आगे-पीछे-बीच में कहीं भी आ सकता है। 


आज का शब्द है:


नाम


राहुल उपाध्याय । 11 मार्च 2022 । सिएटल










Wednesday, March 16, 2022

हज़ारों रंग बरसाओ

हज़ारों रंग बरसाओ 

बड़ा त्योहार आया है 

बुलाकर धूम मचाओ 

बड़ा त्योहार आया है 


वो सारी बातें भूलकर गले सबको लगा लो

जो हुआ सो हुआ याद कर न यूँ ख़ुद को सताओ

ज़रा तुम हाथ बढ़ाओ 

बड़ा त्योहार आया है 


हमारे और तुम्हारे बीच माना एक दूरी है

कुछ अपनी, कुछ ज़माने की भी मजबूरी है 

ज़रा तुम पास तो आओ

बड़ा त्योहार आया है 


धड़कते दिल के जवां राग को कभी तुम जो सुन लो

बुरा है कौन भला है कौन इन सबसे परे को चुन लो

सभी से साथ मिलाओ

बड़ा त्योहार आया है 


राहुल उपाध्याय । 16 मार्च 2022 । सिएटल 



Tuesday, March 15, 2022

इतने भावुक ना बनो

इतने भावुक ना बनो, हाय, इतने भावुक ना बनो

हद के अन्दर हो भावना तो बजा होती है

हद से बढ़ जाये तो आप अपनी सज़ा होती है


रोज़मर्रा के मसले ही नहीं सुलझते तुमसे

सारे इतिहास का बदला भला लोगे कैसे?

बात अगर आज की हो तो समझ आए भी

गुज़रे कल को क्यूँ तुम आज लाओ फिर से?


ये न समझो कि हर एक बात पे हैं वे दोषी

हर एक पहलू को तुम बराबर देखो 

ये जो तुम आज हरिश्चंद्र बने फिरते हो

अपने दामन में भी ज़रा झांक कर देखो


ये जो दुनिया है ये दुनिया सभी का घर है 

ये है तेरा, ये है मेरा, ये करना क्यूँ है?

तुम भी चैन से बैठो, वे भी आराम करें

जो हो ही गया, हो ही गया, उसे कुरेदना क्यूँ है?


राहुल उपाध्याय । 15 मार्च 2022 । सिएटल 





Sunday, March 13, 2022

इतवारी पहेली: 2022/03/13


इतवारी पहेली:


जिन्होंने दोष-गीत # ##

उन को मिलेगी अब ###


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya 


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 


सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 20 मार्च को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 13 मार्च 2022 । सिएटल 
















Re: इतवारी पहेली: 2022/03/06



शनि, 5 मार्च 2022 को अ 10:46 पर को Rahul Upadhyaya <kavishavi@gmail.com> ने लिखा:

इतवारी पहेली:


कहते हैं बदबू मारती हैं ### 

पर कुछ करने का ठेका # ##


इन दोनों पंक्तियों के अंतिम शब्द सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। लेकिन जोड़-तोड़ कर लिखने में अर्थ बदल जाते हैं। हर # एक अक्षर है। हर % आधा अक्षर। 


जैसे कि:


हे हनुमान, राम, जानकी

रक्षा करो मेरी जान की


ऐसे कई और उदाहरण/पहेलियाँ हैं। जिन्हें आप यहाँ देख सकते हैं। 


Https://tinyurl.com/RahulPaheliya 


आज की पहेली का हल आप मुझे भेज सकते हैं। या यहाँ लिख सकते हैं। 


सही उत्तर न आने पर मैं अगले रविवार - 13 मार्च को - उत्तर बता दूँगा। 


राहुल उपाध्याय । 6 फ़रवरी 2022 । सिएटल