सवाल यूँ आइने से न पूछा करो
बचपना न बेसबब दिखाया करो
न जाने कौन क़त्ल कर बैठे
नज़रें किसी से न मिलाया करो
मुसीबत न कहीं गले पड़ जाए
गले किसी को न लगाया करो
न जाने कौन जान ले बैठे
हाथ किसी से न मिलाया करो
न जाने कब कर जाओ कूच
पास किसी के न जाया करो
टूटते हैं सम्बन्ध तो टूट जाने दो
भावुकता में न जान जाया करो
राहुल उपाध्याय । 14 अप्रैल 2020 । सिएटल
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