मैं सोने जा रहा था
और तुम सो गए चिरनिद्रा में
मेरी नींद उड़ा कर
ऐसा भी कहीं होता है क्या?
अभी दो-चार दिन पहले
तुम्हारी माँ गुज़री
तुम्हारा कोई अता-पता न था
मेरा माथा ठनका था तभी
ऐसा भी कहीं होता है क्या?
और तुम्हारी फिल्म भी तो अभी आई थी
तुम भी हाल ही में ठीक होकर आए थे
कोविड के होते हुए
कोविड ने तुम्हारा कुछ नहीं बिगाड़ा
फिर भी तुम चल दिए
ऐसा भी कहीं होता है क्या?
राहुल उपाध्याय । 29 अप्रैल 2020 । सिएटल
0 comments:
Post a Comment