ब्रेकिंग न्यूज़ ब्रेक भी कर सकती है
यह आज समझ आया
वैसे ही इरफ़ान के चक्कर में
रात को ठीक से सोया नहीं
फिर भतीजे को पुत्ररत्न की प्राप्ति हो गई
बेटे का चौबीसवाँ जन्मदिन भी था
और एक सहपाठी का भी
सो सब गड्डमड्ड हो गया
कब रात ख़त्म हुई
कब दिन शुरू
और फिर शाम
लगा जैसे किसी लम्बी फिल्म का
हिस्सा बन गया हूँ
जो ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रही
और यह ख़बर आ गई
सुना था बड़ी मौतें तीन के झुंड में आती है
लेकिन क्या सारी सुनी बातें सच होती हैं?
कहते हैं फ़िल्मों में
भाई-भतीजावाद बहुत है
पिता भी कलाकार
बेटा भी
दादा भी
भाई भी
चाचा भी
लेकिन प्रशंसक भाई भतीजा नहीं देखते हैं
जो पसंद आता है वही देखते हैं
बॉबी से लेकर क़र्ज़ तक
कभी-कभी से लेकर लैला-मजनू तक
तुम्हें हाथों-हाथ लिया
चल मेरे भाई
तेरे हाथ जोड़ता हूँ ...
राहुल उपाध्याय । 30 अप्रैल 2020 । सिएटल
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