Thursday, April 2, 2020

न किया गिला

न किया गिला 
न किया शिकवा कभी
सर आँखों लिया 
जो भी मिला सिला कभी

हम भी तुम्हें 
बाँहों में लेते
जो होता मेहरबाँ 
तुझपे तेरा खुदा कभी

अब फ़ुरसत ही 
फ़ुरसत है रात-दिन
कोरोना दे राहत तो 
करें तस्सवुर-ए-जानाँ कभी

ये दूरी जो 
आज है सुरक्षा-कवच
क्या बन जाएगी 
न मिलने का बहाना कभी

बेख़ौफ़ है ज़िन्दगी 
और बेख़ौफ़ ही रहेगी
डरता जो राहुल 
घर छोड़ न यूँ आता कभी

राहुल उपाध्याय । 2 अप्रैल 2020 । सिएटल

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